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पुस्तक के बारे में
गीता योगामृत कृति में लेखक ने गीता की
ऐतिहासिक पृष्ठिभूमि, अध्यायों का संक्षिप्त परिचय, कर्मयोग,
भक्तियोग,
ज्ञानयोग,
ध्यानयोग,
राजयोग,
सांख्ययोग,
मोक्षसंन्यास
योग, वर्तमान परिदृश्य में गीता की प्रासंगिकता, वर्तमान में
प्रचलित प्रमुख मानसिक विकार-चिंता अवसाद, तनाव, क्रोध, भय,
अकर्मण्यता
से मुक्ति के उपाय आदि गूढ़ विषयों को चार अध्यायों में विभाजित कर सरल-सुबोध भाषा
में समझाने का यथासम्भव प्रयास किया है।
विद्यालय, महाविद्यालय एवं
विश्वविद्यालयों के योग संबंधी पाठ्यक्रम को ध्यान में रखते हुए Certificate, Diploma, B.A./B.Sc. M.A./M.Sc., B.Ed,
CUCET, YCB, SET, NET/JRF आदि परीक्षाओं के अनुरूप प्रस्तुत
पुस्तक की रचना की गई है।